लेखनी कहानी - फ़ौजी का भूत - डरावनी कहानियाँ
फ़ौजी का भूत - डरावनी कहानियाँ
ये बात पिथौरागढ़ की है! मैं अपने दोस्त के साथ मेले से वापस आ रहा था! हम दोनों काफी थके हुये थे इसलिए ज्यादा बातें नहीं कर रहे थे! अचानक मेरा दोस्त कुछ बड़बडाने लगा! वह पंजाबी में कुछ बोल रहा था, मगर उसे पंजाबी आती नहीं थी! वह खुद ही सवाल करता और खुद ही जवाब दे रहा था! मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो ऐसा क्यों कर रहा था! मुझे लगा कि वो शायद मजाक कर रहा है! वह खुद से ही कुछ मांग रहा था और खुद ही कह रहा था कि मेरे पास नहीं है!
थोड़ी दूर जाने के बाद रास्ता दो भाग में बट गया! एक रास्ता गाँव की तरफ जाता था तो दूसरा जंगल की ओर! वही पर मेरे दोस्त ने मेरा नाम पुकारा ” देबू” और वहीँ बेहोश हो गया! मैंने एक आदमी को जिसने फौजी की वर्दी और हरे रंग की पगड़ी पहन रखी थी, जंगल की ओर जाते देखा! थोड़ी दूर जाने पर वह गायब हो गया! मैं किसी तरह अपने दोस्त को घर तक लाया और सारी बात बता दी! उसके घर में थोड़ा तनाव वाला माहौल हो गया! मगर थोड़ी देर में वह होश में आ गया और थोड़े बहुत पूजा पाठ के बाद सब कुछ सामान्य हो गया!
मैंने भूतों के कई किस्से सुने थे पर वह आँखों देखी घटना मैं कभी नहीं भूल सकता!